Fatty liver (जिसे हिंदी में “वसा युक्त यकृत” या “फैटी लिवर” कहा जाता है) एक आम लेकिन गंभीर स्थिति है जिसमें आपके लिवर (यकृत) में अतिरिक्त वसा जमा हो जाती है। यह स्थिति अगर समय पर कंट्रोल न हो तो यह लिवर में सूजन, फाइब्रोसिस, सिरोसिस और लिवर फेलियर जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है।
Fatty Liver के प्रकार:
1. NAFLD (Non-Alcoholic Fatty Liver Disease) शराब का सेवन न करने वालों में होता है। यह दो प्रकार का होता है: –
Simple fatty liver (steatosis) – केवल वसा जमा होती है, कोई सूजन या डैमेज नहीं।
NASH (Non-Alcoholic Steatohepatitis)– वसा के साथ-साथ सूजन और लिवर सेल्स को नुकसान होता है।
2. AFLD (Alcoholic Fatty Liver Disease) अत्यधिक शराब पीने वालों में होता है।–
Fatty Liver के कारण:-
मोटापा (Obesity)-
डायबिटीज टाइप 2-
हाई कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स-
अत्यधिक शराब सेवन-
फास्ट फूड व जंक फूड का अधिक सेवन-
शारीरिक गतिविधि की कमी-
कुछ दवाएं (जैसे steroids, methotrexate)
लक्षण (Symptoms):
शुरुआत में फैटी लिवर के खास लक्षण नहीं होते, लेकिन आगे बढ़ने पर ये लक्षण दिख सकते हैं:- थकान- पेट के दाहिने ऊपरी हिस्से में भारीपन या दर्द- वजन बढ़ना या अचानक कम होना- भूख में कमी- त्वचा या आंखों का पीला पड़ना (जॉन्डिस – advanced case में)
डायग्नोसिस कैसे होता है:
Ultrasound– सबसे सामान्य तरीका-
Liver function test (LFT)
Fibroscan– लिवर की सख्ती मापने के लिए-
Liver biopsy– दुर्लभ मामलों में
इलाज और प्रबंधन (Treatment & Management):
फैटी लिवर का कोई एक सीधा इलाज नहीं है, लेकिन इसे कंट्रोल और रिवर्स किया जा सकता है:
1. वजन घटाना– 7-10% वजन घटाने से लिवर की चर्बी कम हो सकती है।
2. शराब से दूरी
3. स्वस्थ आहार – फल, सब्ज़ियाँ, साबुत अनाज, कम वसा वाला भोजन
4. नियमित व्यायाम – कम से कम 30 मिनट/दिन
5. ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल का नियंत्रण
6. दवाइयाँ– कुछ मामलों में डॉक्टर विशेष दवाइयाँ दे सकते हैं
घरेलू उपाय:-
ग्रीन टी-
हल्दी दूध-
आँवला-
नींबू पानी-
मेथी दाना-
लहसुन (इनका उपयोग डॉक्टर की सलाह से ही करें)